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"रुक्मिणी कल्याणं" महाकाव्य राजचूडामणि दीक्षित विरचित एक महत्त्वपूर्ण काव्य है। तन्जोर के नायक श्री रघुनाथ के आश्रित श्रीराजचूडामाणि कवि की अनेक कृतियां संस्कृत एवं तेलुगू भाषा में निबद्ध है। सन् १६३६ ईस्वी के लगभग रचित इस महाकाव्य पर श्रीराजचूडामाणि के ही वन्शज श्री बाल्यज्ञवेदेश्वर ने मौक्त्तिक मालिका संस्कृतटीका की रचना की। संपूर्ण "रुक्मिणी कल्याणं" के मूलपाठ का "जसप्रीत" नामक हिन्दी अनुवाद प्रथम बार प्रस्तुत किया गया है।