इष्टापूर्त्तकौमुदी - डाॅ बालाजीशतपथी (पण्डितवर्य्यकमलाकरभट्टप्रणीतस्य पूर्त्तकमलाकरस्य भावार्थप्रकाशिका)

इष्टापूर्त्तकौमुदी - डाॅ बालाजीशतपथी (पण्डितवर्य्यकमलाकरभट्टप्रणीतस्य पूर्त्तकमलाकरस्य भावार्थप्रकाशिका)
Product Code: 81-7081-672-6
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भारतीय ज्ञान निधियों का संग्रह यह `इष्टापूर्त्तकौमुदीʼ ग्रंथ पौराणिक विधियों का रहस्योद्घाटन कर रहा है। पारंपरिक विधानों का संग्रह इष्टापूर्त्तकौमुदी उन समस्त लोक व्यवहृत कल्याणकारी मूल्यों का दिग्दर्शन करा रहा है, जिसके द्वारा समाज के उदारीकरण के साथ साथ यह लौकिक तथा पारलौकिक गंतव्यों का विवरण सोदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। 16वीं सदी के विशिष्ट विद्वान आचार्य प्रवर पं कमलाकर भट्ट द्वारा रचित 'पूर्त्तकमलाकर' पाण्डुलिपि का आमूलचूल अध्ययन करने के अनन्तर यह निर्णय किया कि मैं इस अमूल्य ग्रंथ का संपादन करूं। समाज, देश-काल-पात्रानुसार परिवर्तित होता है, किन्तु भाषांतर के द्वारा विधियों का संक्षिप्त-करण करते- करते, मैंने विधि के उस मूलस्वरूप को कुरूप होते परिलक्षित किया है। कारण शताधिक वर्षों की पुरातन कठिन रचना को वर्तमान समय में व्यक्त करने में यह स्वाभाविक सा प्रतीत होता है। अतः अनेक प्रामाणिक आचायों का सहयोग लेते हुए मूल ग्र॔थ की कठिन रचना को सरलीकरण भाव में व्यक्त किया गया है, जिससे ग्रंथ के भाव या विधियों के साथ छेड़छाड़ न हो। अतः जहाँ तक संभव हो सका चारों वेद, अनेक पुराणादि ग्रंथों की प्रामाण्यता एवं यथार्थता को व्यक्त किया गया है। आशा है 'इष्टापूर्त्तकौमुदी' की यह भावार्थप्रकाशिका विश्व संस्कृत के प्रयोजन में सार्थक होगी।

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