मध्यप्रदेश की हरीभरी धरती संस्कृत साहित्यकारों का नंदन वन है। महर्षि अत्रि, वाल्मीकि, भास, पतंजलि, कालिदास से लेकर बाणभट्ट, भवभूति, राजशेखर और भोज की परंपरा का यह अद्यतन साहित्यिक आकलन है