प्रश्न वैष्णव:, नामक ग्रन्थ में प्रश्न कुंडली के अनुसार गृह स्थिति के आधार पर लोकोपयुक्त विविध प्रश्नों के समाधान करने की प्रक्रिया वर्णित है। जिसमें कार्य सिद्धि प्रश्न, धनलाभ प्रश्न, नृपमंत्री स्नेह प्रश्न, राज्य स्थिरता प्रश्न, राज्यलाभालाभ प्रश्न, युद्ध में जय पराजय प्रश्न, गुप्तचर ज्ञान प्रश्न, भूकंप धूमकेतु दर्शन देवमूर्ति विकृत्ति आदि प्रश्न, प्रतिकूल चंद्र सूर्य ग्रहण, गोमहिष्यादि विकृत्ति प्रश्न, पशुक्रंदन दिन तारा दर्शनादि प्रश्न, वादी-प्रतिवादी जय पराजय प्रश्न, दुर्ग (शिविर) संरक्षण प्रश्न, दुर्गापति जयजय प्रश्न, निरुपद्रव सोपद्रव गमनागमन प्रश्न, शीघ्रगमनागमन प्रश्न, पतिलाभ स्त्रीलाभ प्रश्न, विदेशस्य व्यक्ति कुशलाकुशल ज्ञान प्रश्न, भूमि-भवन लाभ प्रश्न, रोगमुक्ति प्रश्न, मैत्री स्थिरता अस्थिरता प्रश्न, गुप्तकार्य सिद्धि प्रश्न, नष्ट धन लाभालाभ प्रश्न, स्वामिभृत्य स्नेह प्रश्न, भागांश (हिस्सा) लाभालाभ प्रश्न, बांध मोक्ष प्रश्न, गुप्त धन लाभ प्रश्न, महर्घ (महँगी) समर्घ (सस्ती) प्रश्न, मूक प्रश्न प्रभृति प्रश्नों का उत्तर, प्रश्न कालिक ग्रहों के शुभाशुभत्व तथा बलाबल के आधार पर (उपर्युक्त) सभी प्रश्नों का उत्तर जानने का प्रकार ग्रंथकार द्वारा दर्शाया गया है।
अंत में परिशिष्टअध्याय के रूप में सहायक ग्रंथांत्रोक्त ग्रहों के मित्रामित्र उच्चनीच, दृष्टिविचार बलाबल विचार तथा राशि स्वामी विचार लिखा गया है।