महापुराण

A vast literature available in the form of Puranans, stands next to the Vedas, in importance and popularity. It envisages to popularize the precepts, morals and values, propounded in the Vedas, the Upanishads, the Epics, and the Dharmasutras. It not only succeeded in its mission, but also in completely revitalising and revolutionising, and moderninsing the Vedic religion. Later and modern Hindu religion is an offshoot of Puranic religion. The path of devotion and worship propounded in Vedic literature as against the path of ritualistic excercises was followed more vigorously in the Puranas. Thus, the Puranas freed Hinduism from the clutches of chosen few and spilled it over to masses who were unable to understand the complexities of the Vedic doctrines. The simple and lucid language of thses works made more easier of the attainment of the desired objective of instruction to the masses in moral & mental education.

The value of Puranas can not be minimized by calling them mythological or religious. Their vowed theme is the presentation of history of the kings upto the end of the 5th century AD. There is no doubt that Puranas embody the earliest traditional history and that much of their material is old and valuable. Altekar has correctly stressed the importance of the Puranas as a source of valuable information for the archaic period of Indian History. Taken collectively they may be described as a popular encyclopaedia of ancient and medival Hinduism, religion, philosophy, history, politics, ethics etc.

 

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VISHNU MAHAPURANA (Text in Devanagari English Translation, Verse and Name Index)
Vishnu Purana is one of the oldest Purana in the Hindu scriptures that is split into six parts and c..
Rs.1,000 Rs.800
कल्कि पुराण -  वेद व्यास विरचित हिंदी अनुवाद के साथ
कल्कि पुराण में प्रथम मार्कण्डेय जी और शुकदेव जी के संवाद का वर्णन है। कलयुग का प्रारम्भ हो चुक..
Rs.300 Rs.240
कालिका पुराण (मूल, श्लोकानुक्रमणीका तथा भूमिका सहित)
Kālikā Purāṇa is considered as one of the 18 Upapuranas. It contains 98 chapters with over..
Rs.1,500 Rs.1,200
वायु महापुराण
इस पुराण में वायुदेव ने श्वेतकल्प के प्रसंगों में धर्मों का उपदेश किया है। इसलिये इसे #वायु #महापुरा..
Rs.700 Rs.560
विष्णुधर्मोत्तरपुराण (मूल, श्लोकानुक्रमणी तथा भूमिका)
श्री विष्णुधर्मोत्तर पुराण की प्रकृति विश्वकोशीय है। कथाओं के अतिरिक्त इसमें ब्रह्माण्ड, भूगोल, खगोल..
Rs.1,500 Rs.1,200
शिव पुराण ( उत्तर  खण्ड) (Text with English Translation and Introduction) Dr. U N Dhal
वर्तमान  शिव पुराण नैमिष्यारण्य  उपस्थित मह्रर्षि व्यास तथा अन्य ऋषियों  सनत्कुमार &n..
Rs.1,000 Rs.800
श्री कूर्म महापुराण
सर्वप्रथम भगवान विष्णु ने कूर्म अवतार धारण करके इस पुराण को राजा इन्द्रद्युम्न को सुनाया था, पुनः भग..
Rs.400 Rs.320
श्री गणेश  महापुराण : मूल, श्लोकानुक्रमणीका तथा भूमिका सहित
Shri Ganesh Puran is, one of the two Upapuranans (Mudgalapuran being the other one), solely dealing ..
Rs.1,500 Rs.1,200
श्री नारदीय महापुराण
मूल, श्लोकानुक्रमणीका तथा भूमिका सहित ..
Rs.2,000 Rs.1,600
श्री भविष्य महापुराण
मूल, श्लोकानुक्रमणीका तथा भूमिका सहित ..
Rs.2,000 Rs.1,600
श्री मार्कण्डेय महापुराण (मूल, भाषानुवाद, श्लोकानुक्रमणीका तथा भूमिका सहित)
श्री मार्कण्डेय महापुराण परिमाण में लघु है किन्तु यह पुराण अत्यंत लोकप्रिय तथा नितांत उपादेय है। &nb..
Rs.1,000 Rs.800
श्री हरिवंश पुराण  Text with English Translation
हरिवंश पुराण महाभारत का परिशिष्ट माना जाता है।  इसमें तीन बड़े पर्व हैं जिनमे १६३७४ पद्य हैं।&nb..
Rs.1,000 Rs.800
श्रीमत्स्यपुराणं (भूमिका, मूलपाठ, हिंदी अनुवाद एवं श्लोकानुक्रमणिका सहित) डॉ. श्रद्धा शुक्ला
पुराण साहित्य में मत्स्य पुराण एक विशिष्ट स्थान रखता है।  वामन पुराण में प्राचीनता एवं वर्ण्य क..
Rs.1,000 Rs.800
श्रीमद्देवीभागवत महापुराण - मूल, श्लोकानुक्रमणीका तथा भूमिका सहित
देवीभागवत पुराणों में एक उत्कृष्ट रचना है।  इसके नाम से स्पष्ट है कि इसकी रचना देवी की प्रशंसा ..
Rs.2,000 Rs.1,600
सौर पुराण
सौर पुराण, Saura Purāņa is one of the Shaiva Upapuranas containing 69 chapters. ..
Rs.300 Rs.240