नाग प्रकाशक के संस्थापक
स्वर्गीय श्री नागशरण सिंह जी और स्वर्गीय श्रीमती अमरावती देवी
स्वर्गीय श्री नागशरण सिंह जी और स्वर्गीय श्रीमती अमरावती देवी के सहयोग से संस्कृत प्रकाशन में अपना सारा जीवन लगा दिया। पहले वे अनेकप्रतिष्ठित संस्थानों से जुड़े रहे। उसके अनन्तर उन्होंने नाग पब्लिशर्स के नाम से अपना प्रकाशन प्रारम्भ किया। उनकी लगन तथा संस्कृत के प्रतिउनकी निष्ठा बहुत गंभीर थी। संस्कृत विद्वानों का वे बहुत आदर करते थे। यही कारण है की इस क्षेत्र में उन्हें इतनी सफलता प्राप्त हुई।उन्ही के बताये मार्ग माध्यम से संस्कृत की सेवा भावना तथा संस्कृत विद्वानों के आशीर्वाद तथा सहयोग से नाग प्रकाशक ने अपनी प्रतिष्ठा प्रकाशन के क्षेत्र में स्थापित की।
Your vision continues to guide us.
Your words continue to encourage us.
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Publishing House and scaled new heights.