नवमालती (लघुसंस्कृतनाटिकानां सङग्रह) - डाॅ नोदनाथ मिश्र)

नवमालती (लघुसंस्कृतनाटिकानां सङग्रह) - डाॅ नोदनाथ मिश्र)
Product Code: 81-7081-373-5
Availability: In Stock
Price: Rs.350 Rs.280
Qty:     - OR -   Add to Wish List
Add to Compare

"वार्त्ता क्या है, आश्चर्य क्या है, मार्ग कौन सा है और सुखी कौन है" ये प्रश्न यक्ष ने धर्मराज युधिष्ठिर से पूछे थे। महाभारत से आज हज़ारों वर्ष बीत गए, साथ-साथ इन सारे प्रश्नों की मान्यताएं बदल गईं। आज के संदर्भ में अनेक सामाजिक समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करती 'नवमालती' की धारणा कुछ यों है -

१. का वार्त्ता? - " समाजे लोकनिर्माणे नवाशक्ति: प्रयच्छति। यया सा राष्ट्रकल्याणी मता वार्त्ता मनीषिभि:।।

२. किमाश्चर्यम्? " समाजे लोलुपा: यत्र पितर: यौतुकैषिणः। अहन्यहनि पुत्राय याचन्ते हि नहट्धनम्।। तत्रैव विद्यते कश्चित् उदारचरितः सुधीः। मन्यते यौतुकं पापं किमाश्चर्यमतः परम्।।"

३. कः पन्था:? "उत्कोचवित्ताहरणे रतेऽस्मिन्, छलप्रपञ्चेष्वनुरक्तलोके। सत्यश्रमाभ्यां सकलार्थसिद्धिः निष्ठा च यत्राशयते स पन्थाः।।"

४. कश्च मोदते? " गृहे यस्याशनं वासः परिधानं चाल्पसन्तति:। शिक्षोपायश्च बालानां, यस्य स मोदते नरः।।"

Write a review

Your Name:


Your Review: Note: HTML is not translated!

Rating: Bad           Good

Enter the code in the box below: